बेंगलुरु । राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) इसी माह बेंगलुरु में अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा की बैठक आयोजित करेगा। बैठक में नीतिगत निर्णय हो सकते है। संघ के 36 सहयोगी संगठनों से जुड़े कुछ प्रचारकों के दायित्व में फेरबदल भी हो सकता है। वहीं सूत्रों का कहना है कि हालिया कई वर्षों में बीजेपी में संघ से प्रचारक नहीं भेजे हैं। प्रतिनिधि सभा के दौरान राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत का भी संबोधन होगा।
बता दें कि वर्तमान में राजस्थान, कर्नाटक, महाराष्ट्र और गोवा जैसे प्रदेशों में संगठन महामंत्रियों के पद खाली हैं। इसके बाद अगर प्रचारक आए तब यहां खाली पद भरे जा सकते हैं। बीजेपी में संगठन महामंत्री या संगठन मंत्री का दायित्व संघ से आने वाले प्रचारकों को ही मिलता है। संगठन मंत्री का कार्य बीजेपी और संघ के बीच समन्वय बनाकर मूल काडर के हितों की चिंता करना होता है। इससे पहले भागवत ने एक संबोधन में कहा था सेवा का कोई पैमाना नहीं|  
संघ की प्रतिनिधि सभा की बैठक बेंगलुरू के चेलनड्डी में 21 से 23 मार्च के बीच होगी। हर साल संघ की तीन सबसे बड़ी बैठक होती है। पहली बैठक मार्च में होती है, दूसरी प्रांत प्रचारक बैठक जुलाई में और तीसरी बैठक दिवाली के करीब अक्टूबर में होती है। इसमें मार्च और जुलाई की बैठक में प्रचारकों के दायित्व में फेरबदल से जुड़े निर्णय भी होते हैं। चूंकि अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा ही संघ की सर्वोच्च निर्णायक इकाई होती है, इसकारण इस बैठक में बड़े फैसले होते हैं।
इस बैठक में अगले एक वर्ष की कार्ययोजना तैयार होगी। इस कार्ययोजना के अनुरूप सरसंघचालक और सरकार्यवाह सहित शीर्ष पदाधिकारियों के आगे के प्रवास कार्यक्रम तय होते है। इसके अलावा संघ के 100 साल पूरे होने पर चल रही गतिविधियों पर भी इस बैठक में चर्चा होगी।